Object ओरिएंटेड Programming एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका नमूना ऑब्जेक्ट Object और Data के अनुसार आयोजित है बजाय कि Action और Logic के. पहले प्रोग्राम को एक लॉजिकल प्रोसीजर के रूप में देखा जाता था. जो इनपुट डाटा लेता है उसे process करता है और आउटपुट produce करता है.
यह भी जाने:-
हर अलग लॉजिकल sequence को method कहा जाता है. ऑब्जेक्ट्स जिस इंटरफ़ेस की मदद से एक दुसरे से कम्यूनिकेट करते है उसे message कहते है.
जो concept और rules OOP में इस्तेमाल किये जाते है उनसे निम्नलिखित फायदे है-
Programing चैलेंज होता था की कैसे लिखे, ना की डाटा को कैसे परिभाषित करे. OOP ऑब्जेक्ट्स जिन्हें मेनीपुलेट करना है उन पर ध्यान देता है ना की उस लॉजिक पर, जिससे उन्हें मेनीपुलेट किया जाने वाला है. ऑब्जेक्ट्स के उदाहरण की रेंज इंसानों (नाम, पता से वर्णित) से लेकर इमारतों और जमीन तथा कंप्यूटर desktop के छोटे-छोटे widgets (बटन्स, स्क्रॉल बार) तक फेली है.
What is OOP in Hindi?
OOP की पहली स्टेप है सभी ऑब्जेक्ट्स को पहचानना, जिन्हें प्रोग्रामर मेनीपुलेट करना चाहता है और उन्हें बीच का रिलेशन पता करना, इस exercise को अक्सर "Data Modeling" कहा जाता है, एक बार ऑब्जेक्ट की पहचान जो जाये तो उसे इन ऑब्जेक्ट्स की क्लास में generalized कर दिया जाता है, जो यह बताती है की उस क्लास में किस तरह के डाटा है और कैसी लॉजिकल sequence उन डाटा को मेनीपुलेटकर सकती है.
यह भी जाने:-
हर अलग लॉजिकल sequence को method कहा जाता है. ऑब्जेक्ट्स जिस इंटरफ़ेस की मदद से एक दुसरे से कम्यूनिकेट करते है उसे message कहते है.
जो concept और rules OOP में इस्तेमाल किये जाते है उनसे निम्नलिखित फायदे है-
- Data क्लास का concept, Data ऑब्जेक्ट की subclass, जो मेन क्लास के characteristics शेयर करती है, उन्हें डिफाइन करने में काम आता है.
- चूँकि क्लास सिर्फ डाटा को डिफाइन करती है, इसलिए जब उस क्लास के किसी instance (ऑब्जेक्ट) को रन किया जाता है तो code कभी भी गलती से किसी अन्य प्रोग्राम डाटा को एक्सेस नहीं कर पायेगा.
- किसी भी क्लास की डेफिनिशन दुसरे OOP के लिए reuse की जा सकती है.
- प्रोग्रामर को एक नया डाटा टाइप create करने की आजादी है, जो मोजुदा लैंग्वेज में नहीं है.
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